स्वधर्म कि खोज में एक यात्रा है सांख्य योग

  जब कोई बच्चा पैदा होता है तब मनुष्य के रूप में अस्तित्व का पदार्पण होता है। बच्चा शुद्ध अस्तित्व रूप लिए होता है, रस रूप होता है। इसे बाउल गायकों ने ‘आधार मानुष’ कहकर गीत लिखे हैं। धीरे धीरे बच्चा अपने शरीर से परिचित होता है। जिसे हम कहें कि जो रस है उसे […]

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